आंटीकी जोरदार तरीके से छुड़ाई
आंटीकी जोरदार तरीके से छुड़ाई
स्टोरी कुछ ऐसी है. जब मै कॉलेज जा रहा था. तो मैने एक ऑटो पकड़ी. वाहा एक मस्त आंटी बैठी हुई थी. साड़ी पहने. उसकी खुसबु पागल कर रही थी. उसके पास एक साधा फोन था और उसकी बॅग पीछे रखी हुई थी.शायद गाव से आई थी. तो मै बैठ गया. आक्च्युयली ऑटो मे 3 लोग ही बैठते है लेकिन हमारे यहा 4 बैठा के लेके जाते है. अड्जस्ट कर कर के घुसेड के लेजाते है. मेरे बाद 2 आदमी लोग आए उनमे एक मोटा आदमी था.
सो मै आंटी के पास चिपक कर बैठा लेकिन हमे जगह नही होरही थी. सो आगे पीछे होकर बैठने बोला. मैं आगे हो गया और बैठा.
अब ऐसे बैठा हुआ था की मेरी कोहनी आंटी के मम्मो पर लग रही थी. शुरूवात मे उसने बहुत कोशिश की टच ना हो.
लेकिन थोड़ी देर बाद उसने थक्कर अपने चुचे ढीले कर दिए जिससे मेरी कोनी लग रही थी ईज़िली. और उसके इत्तर के खुसबु मे उसके पसीने की खुश्बू गजब ढा रही थी.
दिखने मे गेहू रंग की थी लेकिन एक दम भरा हुआ माल. आज ही गाव से आई थी. उसे देख गाव की मस्त बाहरी कसी हुई आंटीयो की याद से लंड सलामी देने लगा. मैने बॅग से छुपा लिया.
उसके पति का फोन आया था शायद वो उसे कह रहा था की वो ऑफीस गया हुआ है शाम को आएगा सीधा और कुछ नॉटी बाते करने लगा शायद कुनकी उसकी अव्वाज से मुझे सेक्स चढ़ गया था.
उसकी साँसे अलग चल रही थी मुझे महसूस होरहा था. और यहा ऑटो वाला खड्डा होता या स्पीड ब्रेकर देखे बिना भागता तो मेरी कोहनी उसके मम्मो को दबोचे रहती थी. वो हल्की सी सिसकी लेती जब भी मेरे से दब जाता तो.
अब मुझेसे कंट्रोल नही होरहा था सो मैं अब जानबूझकर उसके मम्मे कोहनी से दबाने लगा. उसको पता था की मैं चान्स मार रहा हू लेकिन कुछ नही बोल रही थी.
मैने ठान ली आज कुछ भी हो उसे चोद के ही रहूँगा. मेरा कॉलेज आगया तो वो मुझे देखने लगी. मैने उसकी तरफ देखा तो वो समझ गयी. उसने कहा भैया यहा से आगे 2 गली के पास रुकना.
सो मैने भी कहा मुझे बी वही जाना है. वही छोड़ना वो मुझे देख हंस रही थी. ऑटो वाला हमारी हरकते शीशे से देख रहा था.
अब ऑटो मे हम दोनो ही थे, सो मैने बाग बाजू मे रखा. मेरे तंबू को देख वो लाल होने लगी. मैने उसे देखते हुए पकड़ लिया. खैर हम दोनो उतरे और मैं उसे फॉलो करने लगा.
अब मेरी गांड फॅट रही थी कैसे पूछता. लेकिन अगर नही पूछता तो जिंदगी भर पछताता. वो आगे बॅग लेके ठुमक ठुमक के चल रही थी.
मैं उसकी साइड मे गया और पूछा आउ क्या साथ मे. तो वो मेरी तरफ देखने लगी मेरी फॅट गयी.
वो बोली क्या बोला फिर से बोल.
मैने कहा आगे का मज़ा लेना है या जाउ मैं.
मैने थोड़ी हिम्मत करके कहा. ऐसा लग रहा था वो मुझे टेस्ट कर रही थी.
वो मुझे बोली मार खानी है क्या तेरी उमर देख और मेरी. हिम्मत कैसे हुई तेरी.
मैने कहा जैसे ऑटो मे हुई थी. इतना क्या भाव खा रही हो हा या ना बोलो नही तो मै जाता हू. मुझे मालूम था वो ज़रूर देगी.
वो थोड़ा आगे गयी और रुक गयी. पीछे देखने लगी. तो मै झट से उसके पास गया.
उनसे बोला ये सामने वाली बिल्डिंग वर्मा 302. 1 घंटे बाद आजना. बेल मत बजा डोर खुल्ला रहेगा. और स्माइल देके चली गयी.
मेरी तो लॉटरी लग गयी. ये 1 घंटा मेरे को 1 साल जैसे लगा. मैं केमिस्ट के शॉप पे गया और डियो, कॉंडम, वायग्रा, डेरी मिल्क की बड़ी सिल्क लेली.
फिर साइड मे फूल वाला था, उससे गजरा लिया. मैने एक व्डापाव खाया और उसपे वायग्रा खा ली.
अब मुझे अंदर से कुछ कुछ हो रहा था. मैं उसके चोव्क मे बैठा चाय पी रहा था. अब 1 घंटा हो चुका था. लेकिन मै शुवर नही था डोर खोला होगा या नही.
थोड़ी देर बाद वो बालकनी मे आई टॉवेल सुकाने जस्ट नहाई थी स्लीवलीस नाइटी पहने थी ब्लू कलर की. वो मुझे ही ढूंड रही थी. उसकी नज़र कोने के चाय के ठेले पे गयी जहा मैं बैठा था. मुझे देख अंदर चली गयी.
मैं उठके अंदर गया बिल्डिंग मई लिफ्ट मे 2 लोग थे सो मैने 5त फ्लोर दबाया. वो 2 पे उतर गये. मैं 5 त पे जाके सीडियो से 3र्ड पे आया.
दरवाजा खुल्ला था नेम प्लेट देखी वर्मा लिखा था. मैं अंदर गया देखा तो वो सोफे पे बैठी हुई थी.
मैने डोर बंद किया. वो उठकर गयी और पानी लेकर आई. मैने उसे सिल्क और गजरा दिया वो देख कर मुस्कुरई. मुझे बोली ऩहाके बेडरूम मे आजना.
मैं अंदर गया वाहा पर मस्त खुश्बू वाले साबुन थे. मैं एक दम मज़े से नहाया. फिर ऐसे ही टॉवेल लगा कर अंदर गया तो देखा आंटी ने नाइटी निकाल दी थी. ब्रा और पेंटी पे बैट कर सिल्क खा रही थी.
मैं गया और टूट पड़ा सीधा सीधा मूह मे मूह डाल कर उसकी चॉकलेट से बाहरी जिब चूसने लगा. फिर उसका ब्रा निकाला और मम्मे हाथ मे लिए. मा कसम जन्नत थी वो.
उसने मेरा टॉवेल सरकया और मेरा तना हुआ लंड हाथ मे ले लिया. मैने उसकी चड्डी निकाली तो एक दम क्लीन शेव जैसे अभी की थी. मैं दाने पे हाथ घुमाने लगा
ओह उसने मुझे सुलाया और मेरे उपर आके बैठ गयी. और मूह से चूत चटवाने लगी. मैं भी दाने के पास जिब गोल गोल घुमाए जा रहा था. वो अपने हाथ से चूत मे उंगली करने लगी और मुझे बोली मूह खोल.
मैने खोला और उसने मेरे मूह मे मुतना चालू किया. उसके मूत का अव्वाज इतना मस्त आरहा था. लास्ट 2-4 बूँद बचे थे तो वो अंदर से धक्के दे के निकल रही थी मैने पका और चूस चुस्के वो बी पीलिया.
उसने मेरा लंड चाट चाट कर गीला किया. फिर कॉंडम भी मूह मे लिया और मूह से लगाया. और फैल के सो गयी. मैने अंदर डाला 2-3 धक्को मे गया और फिर चुदाई करने लगे. उसने बगल उठाई और मेरे मूह उसके पास लगाई.
मैं साँझ गया और मै चाटने लगा. बाद मे डॉगी शॉट के टाइम उसने गांड फैलाई और चूसने को कहा. मैने उसके गांड के होल मे जिब डाल दी. वो गांड मेरे मूह मे घुसा रही थी.
फिर वो मेरे उपर आई और खुद उछलने लगी. मैं कॉंडम मे ही झड़ गया तो उसने बोला की बताके झड़ने का ना उसने कॉंडम लिया और मूह मे खाली किया. मेरा माल पी गयी.
फिर वैसे ही नंगे उठके किचन मे चली गयी खाने को कुछ लेके आई. और हमने बाते करना शुरू की.
उसने बताया उसका नाम विधीशा है वो 35 साल की आंटी है. उसके 2 बच्चे है छुट्टिया मनाने गाव गये है. और उसे यहा आके डेढ़ साल हो गया है.
फिर उसने मेरा नंबर लिया और कहा यहा अब ग़लती से भी नही आना. मुझे जब चाहिए होगा मैं कॉल करूँगी जगह और टाइम बता दूँगी आजाना.
मैने कहा ठीक है.
उसने कहा जाते जाते एक राउंड हो जाए. और मेरा लंड चूसने लगी. फिर मैने उसको वापस चोदा इस बार मैने उसको किचन मे चोदा फिर उसके के सोफे पे चोदा.
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6387902943
Kirparam
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